Tum Hum Safar Bano To

तुम हमसफ़र बनो तो जहाँ चलें हम
जिधर चलें हम, ये बहार साथ आए
तुम हमसफ़र बनो तो...

आज की शाम का दूधिया आँचल है
आज की शाम का दूधिया आँचल है
झूमती है फ़ज़ा और हवा पागल है
मस्तियों के रंग बिखरे हैं निगाहों में

तुम हमसफ़र बनो तो जहाँ चलें हम
जिधर चलें हम, ये बहार साथ आए
तुम हमसफ़र बनो तो...

तुम हँसो तो मिले रोशनी इस दिल को
तुम हँसो तो मिले रोशनी इस दिल को
दिल मेरा प्यार से चूम ले मंज़िल को
ज़िंदगी के फूल महके मेरी राहों में

तुम हमसफ़र बनो तो जहाँ चलें हम
जिधर चलें हम, ये बहार साथ आए
तुम हमसफ़र बनो तो...



Credits
Writer(s): Naqsh Layalpuri, Brij Bhushan
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