Mujhe Tumse Mohabbat

मुझे तुमसे मोहब्बत है, मुझे तुमसे मोहब्बत है
मुझे तुमसे मोहब्बत है, मुझे तुमसे मोहब्बत है

मुझे तुमसे मोहब्बत है, मुझे तुमसे मोहब्बत है

ना जाने सबसे पहले ये कहा किसने, कहा किससे
वो आशिक़ कौन था आख़िर चली रस्म-ए-वफ़ा जिससे?
किया था पार पहली बार किस पागल ने ये दरिया?
कि जिसमें आग बहती है, कि जिसमें मौत रहती है

ना जाने ये कसक कैसे उठी किसी शख़्स के दिल में
कि फिर होने लगे चर्चे यही हर एक महफ़िल में
महफ़िल में, महफ़िल में

मुझे तुमसे मोहब्बत है, मुझे तुमसे मोहब्बत है

ग़म-ए-हस्ती को भी उसने ग़म-ए-जानाँ बना डाला
वो दीवाना सही, हम सबको दीवाना बना डाला
हुआ आग़ाज़ दुनिया में मोहब्बत की कहानी का
समंदर बन गया ये दिल जो एक कतरा था पानी का

उसी ने आते-जाते मौसमों के नाम भी रखें
निगाहों के नशे से भर के ख़ाली जाम भी रखें
कहा था उसने जो अभी वही सब लोग कहते हैं
किसी पे आ गया दिल तो यही सब लोग कहते हैं

मुझे तुमसे मोहब्बत है, मुझे तुमसे मोहब्बत है
मुझे तुमसे मोहब्बत है, मुझे तुमसे मोहब्बत है



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Sameer P.
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