Muskurahat

मुस्कुराहट को भी आने पे मज़ा आने लगे
ग़म को भी इतनी ख़ुशी दो, वो मुस्कुराने लगे
मुस्कुराहट को भी आने पे मज़ा आने लगे
ग़म को भी इतनी ख़ुशी दो, वो मुस्कुराने लगे
मुस्कुराहट को भी आने पे...

उदासियों तले हैं मुस्कुराहटें दबी
ज़रा से होंठ हिलाओ, तुम्हें दिखेंगी अभी

उसको देखो जो तुम्हें ज़िंदगी दिखाने लगे
ग़म को भी इतनी ख़ुशी दो, वो मुस्कुराने लगे
मुस्कुराहट को भी आने पे मज़ा आने लगे
ग़म को भी इतनी ख़ुशी दो, वो मुस्कुराने लगे
मुस्कुराहट को भी आने पे...

जो ज़्यादा देर तलक दिल ना मुस्कुराएगा
अदाएँ सारी धड़कने की भूल जाएगा

दिल से कह दो, "बेवजह हँसने और हँसाने लगे"
ग़म को भी इतनी ख़ुशी दो, वो मुस्कुराने लगे
मुस्कुराहट को भी आने पे...



Credits
Writer(s): A M Turaz, Sanjay Leela Bhansali
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