Kahin To Gard Udey

कहीं तो गर्द उड़े...

कहीं तो गर्द उड़े या कहीं ग़ुबार दिखे
कहीं तो गर्द उड़े या कहीं ग़ुबार दिखे
कहीं से आता हुआ कोई शह-सवार दिखे
कहीं से आता हुआ कोई शह-सवार दिखे

कहीं तो गर्द उड़े या कहीं ग़ुबार दिखे
कहीं से आता हुआ कोई शह-सवार दिखे
कहीं से आता हुआ कोई शह-सवार दिखे
कहीं तो गर्द उड़े...

ख़फ़ा थी शाख़ से शायद कि जब हवा गुज़री
ख़फ़ा थी शाख़ से शायद कि जब हवा गुज़री

ज़मीं पे गिरते हुए फूल बेशुमार दिखे
ज़मीं पे गिरते हुए फूल बेशुमार दिखे
कहीं तो गर्द उड़े...

रवाँ हैं, फिर भी रुके हैं वहीं पे सदियों से
रवाँ हैं, फिर भी रुके हैं वहीं पे सदियों से

बड़े उदास लगे जब भी आबशार दिखे
बड़े उदास लगे जब भी आबशार दिखे
कहीं तो गर्द उड़े या कहीं ग़ुबार दिखे
कहीं से आता हुआ कोई शह-सवार दिखे
कहीं से आता हुआ कोई शह-सवार दिखे

कहीं तो गर्द उड़े, कहीं तो गर्द उड़े
कहीं तो गर्द उड़े, कहीं तो गर्द उड़े



Credits
Writer(s): Gulzar, Bhupender Singh
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