Aisi Maddham Si Bolti Hai Raat

ऐसी मद्धम, ऐसी मद्धम
ऐसी मद्धम सी बोलती है रात
तेरी आवाज़ घोलती है रात

ऐसी मद्धम सी बोलती है रात
तेरी आवाज़ घोलती है रात
ऐसी मद्धम, ऐसी मद्धम
ऐसी मद्धम, ऐसी मद्धम

किस में रखी है सुबह की धड़कन
किस में रखी है सुबह की धड़कन
किस में रखी है सुबह की धड़कन

ग़ुंचा-ग़ुंचा...
ग़ुंचा-ग़ुंचा टटोलती है रात
तेरी आवाज़ घोलती है रात
ऐसी मद्धम, ऐसी मद्धम
ऐसी मद्धम, ऐसी मद्धम

दफ़्न है चाँद किस जगह उस का
दफ़्न है चाँद...
दफ़्न है चाँद किस जगह उस का
दफ़्न है चाँद किस जगह उस का

बंद क़ब्रें, बंद क़ब्रें
बंद क़ब्रें पर रो लेती है रात
तेरी आवाज़ घोलती है रात
ऐसी मद्धम, ऐसी मद्धम
ऐसी मद्धम, ऐसी मद्धम
ऐसी मद्धम, ऐसी मद्धम



Credits
Writer(s): Gulzar, Bhupender Singh
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